Sunday, April 12, 2015

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ग्लोबल वार्मिंग का  भारत और इसके आसपास के देशों  पर एक बहुत बुरा प्रभाव होता  है। भारत की जलवायु खराब हो गया है और भी बुरा पाने के लिए जारी रहेगा। कारखानों और कारों से निकलने वाला कार्बन डाइऑक्साइड ग्लोबल वार्मिंग का  कारण बना हुआ है। हिमालय के पहाड़ों में हिमनद पिघल रहे हैं और समुद्र का जल स्तर बढ़ रहे हैं।

ग्लोबल वार्मिंग को ठीक करने के लिए कई तरीके हैं। बहरहाल, हर कोई एक साथ काम करना चाहिए। भारत सरकार, भारत के लोग, और निगमों के साथ मिलकर काम करना चाहिए। भारत सरकार ने उनके व्यवसाय प्रथाओं के लिए निगमों जिम्मेदार बनाने कि नए कानून बनाना चाहिए। भारत सरकार ने ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव को मापने शुरू कर देना चाहिए। स्कूलों ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव के बारे में लोगों को उपदेश शुरू कर देना चाहिए। कंपनियों  को  प्रदूषण के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। कारखानों को  सफाई से अपने माल बनाने के लिए नई तकनीक अपनानी  चाहिए। दूसरा, कोयला विद्युत पर्यावरण के लिए बहुत बुरा है। भारत सरकार ने पवन और सौर ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहित करना चाहिए। तीसरा, कई कार पर्यावरण को प्रदूषत करने वाले गैसों का उत्पादन करते हे । ये कारें बदल दी जानी  चाहिए। भारतीय जनता को  प्लास्टिक रीसायकल करने के लिए मजबूर किया जाना चाहिए।

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