Monday, September 29, 2014

HW 5

मेने बचपन से हमेशा भारत जाना छाती थी। जब मेरे परिवार और में २००६ में बांग्लादेश गए थे, तब हमारा योजना था भारत जाने के लिए।  लेकिन हम नहीं  जा पाये क्यूंकि समय नहीं थ।  मेरी बहुत आशा है की में कलकत्ता जाऊँ क्यूंकि  वहां मेरे परिवार रहते है।  में उनको नहीं देखा माँ खेत हा की वे मुझे देखा जब में एक बच्ची थी। मेने उस लोग को फ़ोन पर बात किया, लेकिन मेने मेने उनसे मिलना छाती हूँ। इसके बाद में मंदिर देखना छाती हूँ।  कलकत्ता में दुर्गा पूजा बहुत धूम धाम से होता है।  में वहां पूजा करना छाती हूँ और बहुत धूम धाम से सहेजती हूँ।  मेरी माँ के साथ नाचूंगी और पिता  के साथ गान गाऊँगी।  

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