जब में छोटी थी तब में स्वामी विवेकानदंडा के बात सुनते थे। मेरे घर में उनका एक तस्वीर लग रहा है। इस आदमी ने हिंदुइम्स का शिक्षा अमेरिका में लिया। लिखें पेहेले वोह रामकृष्ण के शिष्ये थे। जब स्वामी विवेकानंदा का गुरु का मौत हो गए थे, तो विवेकानदंडा ने रामकृष्ण मिशन का नेता बन गया। उसने बिदेश गया और उन सभी लोग को हिनदिंस के बारे में बताइए। इसके साथ स्वामी विवेकानंदा भारतीय दर्शन और योग बे लेखर गया। जब वोह शिकागो में गयी थी , तब वोह परिलिअमेंट ऑफ़ थे वर्ल्ड रेलिगिओंस के सामने बात किया। वहां उन्होंने कुछ अर्चना की है हिन्दुइस्म के बारे में -- दोनों पार्लियामेंट के सामने और पार्लिमनेट के पीछे। सब उनके बारे में जाना लगा और उसका लोकप्रियता और भी बार गया। हर अमेरिकन अखबारों कहते थे कि स्वामी विवेकानंदा एक महान आदमी थे और उसके बात सरे लोग से अलग है। पार्लियामेंट ऑफ़ रेलिगिओंस के बाद, स्वामी विवेकानंदा इंग्लैंड मैं गया और वहां भी बाषण दिया। वहां लोग भी उसके बाषण पसंद किया।
स्वामी विव्केकानंदा हिन्दुइस्म के लिए बहुत कुछ किया। उसने नई यॉर्क में एक वेदांत सोसाइटी बनाया इन 1894 । अगर स्वामी विवेकानंदा नहीं होते, थो आज यह सनातन धर्म नहीं होते। उसने एक कठिन सामान्य पर नेता बन गया। इस समय में हिंदुइम्स का विलपुता हो रहा था। उसने सब कुछ संभाला और रक्षा किया। मेरे परिवार उसको समार करते है और उसके बिना हम इस धर्म का नहीं मालूम होता।
No comments:
Post a Comment